इंदौर के इस राहुल गांधी के लिए परेशानी का कारण बना यह नाम, न लोन मिल रहा है न सिम
गांधी परिवार के वारिस और कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को तो 'गांधी' नाम से बहुत कुछ मिला, लेकिन देश के इस राहुल गांधी को इस नाम की वजह से कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
गांधी परिवार के वारिस और कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बारे में सभी जानते । लेकिन लोगों का ध्यान देश के उस राहुल गांधी पर नहीं जाता, जो कई सुविधाओं के लिए आजतक कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इस नाम की वजह से उन्हें निराशा के अलावा कुछ नहीं मिला है। वह कारोबार के लिए लोन चाहते हैं और इस लिए कई बार बैंक के चक्कर भी काट चुके हैं, लेकिन उन्हें हमेशा खाली हाथ लौटना पड़ा। यहां तक कि कोई टेलिकॉम कंपनी इन्हें सिम तक नहीं देती।
दरअसल, इंदौर के अखंडनगर निवासी एक युवक का नाम राहुल गांधी है। इस नाम ने उनकी जिंदगी को संघर्षों से भर दिया है। इस नाम की वजह से टेलीकॉम कंपनी उन्हें सिम नहीं देती और न ही बैंक लोन लोन प्रोवाइड करवा रहा है। इसके साथ ही कोई भी दुकानदार उन्हें बिल तक नहीं देता। मजबूरन उन्हें अपने भाई के नाम पर सिम लेना पड़ा।
इस नाम की वजह से वह कई बार मजाक के पात्र भी बनते हैं। लोग उनकी तुलना कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से कर मजाक उड़ाते हैं यहां तक कि जब उन्होंने लोन के लिए बैंक में फोन कर अपना पूरा नाम बताया, तो बैंक कर्मचारी ने भी उनका मजाक उड़ाते हुए कह दिया कि ' राहुल गांधी दिल्ली छोड़कर इंदौर कब शिफ्ट हो गए' और यह कह कर फोन काट दिया।
इन सभी चीजों से परेशान हो कर राहुल ने अपना नाम बदल कर राहुल मालवीय कर लिया, ताकि ये सब बंद हो। उन्होंने बताया कि अब वह अपने सभी दस्तावेज से गांधी सरनेम हटवा रहे हैं, ताकि उन्हें आगे ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में कोई दिक्कत न हो।
लोन के लिए कॉल करने पर हंसी कर्मचारी
राहुल ने कार लोन लेने के लिए जब एक कंपनी में कॉल किया तो उनसे पहले काफी अच्छे से बात की गई। प्लान बताने से पहले नाम भी पूछा गया। उन्होंने नाम राहुल गांधी बताया तो सामने से कंपनी की महिला कर्मचारी जोर से हंसी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी दिल्ली से इंदौर कब रहने आ गए? आखिर में उन्होंने मजाक समझकर कॉल ही कट कर दिया।
पिता को गांधी कहते थे, उन्होंने सरनेम में लिखना शुरू किया
राहुल के पिता राजेश बीएसएफ में वॉटरमैन थे। वहां उन्हें लोग गांधी-गांधी कहकर बुलाते थे। राहुल ने कहा इसी कारण पिता ने अपने नाम के साथ गांधी लिखना शुरू कर दिया। बाद में मेरे स्कूल में नाम के साथ गांधी लिखवा दिया। 23 साल से ज्यादातर मार्कशीट अौर डॉक्यूमेंट्स में यही नाम चला आ रहा है।