गंगा के शुद्धीकरण से लेकर पेय जल की स्वच्छता तक, जल शक्ति मंत्रालय एक विशेष मंत्रालय है जो देश भर में जल संसाधनों के विकास के काम में सहयोग करता है. केंद्र जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने न्यूज़18 इंडिया से ख़ास बातचीत में कहा कि उनके मंत्रालय का लक्ष्य आगामी कुंभ से पहले हरिद्वार तक गंगा का पानी पीने योग्य बनाना है. “इसको सुनिश्चित करने की दिशा मे हम काम कर रहे हैं,” उन्होने कहा.
गजेंद्र सिंह शेखावत के अनुसार कोरोना की आपदा ने निश्चित रूप से देश में जल के प्रति जागरूकता को और अधिक बढ़ाया है. “लोगों ने जल सन्चय, जल के उपयोग और जल के विवेकपुराण उपयोग, इन तीनो के बारे मे विचार करना प्रारंभ किया है. हमने इस कोरोना की आपदा के समय का उपयोग करते हुए सभी राज्यों से आग्रह किया है कि अपने-अपने राज्यों में जल जीवन मिशन का जो लक्ष्य है उसमें 2024 तक प्रत्येक घर मे पीने का पानी पहुँचाएंगे.”
उन्होने कहा की हर राज्य से पूरे वर्ष का परियोजन माँगा गया है ताकि मंत्रालय वित्तीय आवंटन उसके अनुरूप कर सके. “मुझे अत्यंत प्रसन्नता है की अनेक राज्यों ने इस दिशा मे तेज़ी के साथ काम किया है और अपने राज्य का परियोजन भेजा है." कोरोना आपदा के समय में भी सॅनिटेशन का काम लगातार हो रहा है. केंद्र जल शक्ति मंत्री के मुताबिक पिछले तीन महीनों में देश भर मे चार लाख शोचलयों का निर्माण हुआ है. उनका कहना है कि पिछले 70 साल से जो काम हुआ उसका चार गुना काम किया जा रहा है.
कोरोना महामारी के बारे में बात करते हुए उन्होने कहा की मामलों का बढ़ना निश्चित रूप से चिंता की बात है. “लेकिन दुनिया के अन्य देशों में यदि हम देखें तो भारत मे 119-120 दिन मे जो मामलों का आँकड़ा रहा, और भारत की आबादी और उन देशों की आबादी की तुलना में अगर उस फॅक्टर से संख्या वृद्धि करके देखें तो भारत मे स्तिथि नियंत्रित है. तेज़ी के साथ हमने संसाधनों का विकास किया है. हमारे प्रधानमंत्री ने जिस तरह से इसका नेतृत्व किया और डील किया, राज्यों की सरकारों ने जिस तरह से इसमें सहयोग किया, देश की जनता ने जिस तरह से सहयोग किया, ये उसका परिणाम है की हम बीमारी की गति और तैयारी की गति मे निश्चित रूप से विजयी हुए हैं.”