राज्यसभा सांसद शपथ ग्रहण समारोह में ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह शामिल हुए. कांग्रेस छोड़ने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह पहली बार आमने सामने आए. न्यूज़18 इंडिया से बातचीत मेंदिग्विजय सिंह कहा की ज्योतिरादित्य सिंधिया के कॉंग्रेस छोड़ने की वजह महेत्वाकाँशा नहीं थी बल्कि लालच थी.
दूसरी तरफ सचिन पायलट ने भी कॉंग्रेस के अंदर विरोध दर्ज किया और मामला कोर्ट में है. इस पर दिग्विजय सिंह ने कहा, “सचिन की इस बात में मुझे प्रसन्नता है की सचिन ने कहा है की वो बीजीपी में शामिल नहीं होंगे. उसके लिए मैं उनका स्वागत करता हूँ. और जो भी दिक्कत परेशानी है, मैदान मे आयें और मैदान में आकर कॉंग्रेस पार्टी मे चर्चा करवायें, कॉंग्रेस के विधायक दल मे, कॉंग्रेस के पीसीसी मे बातचीत करें, चर्चा करें और अपना पक्ष रखें.”
अशोक गहलोत के सचिन पायलट को नकारा निकम्मा बोलने पर दिग्विजय ने कहा की इस तरह की भाष अशोक गहलोत को शोभा नहीं देती, वो शायद नाराज़गी में ये बात बोल गये होंगे.
राज्य सभा के इस बार क कार्यकाल के बारे में बात करते हुए उन्होने कहा की राज्य सभा राज्यों के अधिकारों के संरक्षण करने का सदन है. “इसमें मेरा ये प्रयास होगा की मध्य प्रदेश की जितने भी लंबित योजनायें हैं, उनके लिए हम लड़ेंगे. राजनीति बाद में है, पहले तो मध्य प्रदेश के लिए लड़ाई हम लड़ेंगे.
हाल ही में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था की टाइगर अभी ज़िंदा है जिस पर कॉंग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा था की वो शेर का शिकार नई करते, फोटो खींचते हैं. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा, “ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता और दादा शेर का शिकार किया करते थे और अँग्रेज़ों को भी शिकार करवाया करते थे ग्वालियर रियासत में. अब तो शेर का शिकार बंद हो गया है. इंदिरा जी जब से वन्यजीव संरक्षण अधिनियम लाई, तबसे हम लोग जो पहले शिकार खेलते थे, अब कैमरे मे क़ैद करते हैं”
कांग्रेस छोड़ने के बाद दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया आमने सामने नहीं आए हैं। पहली बार राज्यसभा के अंदर ज्योतिरादित्य सिंधिया का सामना दिग्विजय सिंह से हुआ। इस दौरान वहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद भी मौजूद थे।