• कोविड राहत अभियान के पहले चरण में अलीराजपुर में 984, बड़वानी में 2,874, झाबुआ में
1,640 तथा धार में 456 राशन तथा स्वच्छता किट का वितरण किया गया |
• संस्था, कोविड वजह से अपने माता-पिता को खोने वाले अनाथ बच्चों की भी सहायता प्रदान
करेगी
धार, 4 जून 2021: भारत के तीन राज्यों में बालिका शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने वाली गैर
लाभकारी संस्था एजुकेट गर्ल्स ने कोरोना की दूसरी लहर से प्रभावित लोगों को राहत पहुँचाने के
लिए इस साल फिर से सूखा राशन वितरण का कार्य 2 जून से शुरू किया है। संस्था ने बड़वानी,
अलीराजपुर, धार, और झाबुआ जिलों में टीम बालिका (स्वयंसेवक), फील्ड स्टाफ और जनपद
कार्यालय के सहयोग से, गावों में आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों की पहचान कर के उन तक
राशन तथा स्वच्छता कीट पहुँचाने का कार्य शुरू किया है।
अलीराजपुर: अलीराजपुर जिले में कलेक्टर श्रीमती सुरभि गुप्ता की अध्यक्षता में यह कार्य
प्रारम्भ हुआ। जिला पंचायत CEO संस्कृति जैन और जिला शिक्षा अधिकारी संजय सिंह तोमर
द्वारा राशन के वाहन को प्रथम चरण में सोंडवा ब्लॉक के लिए रवाना किया।
इस कार्यक्रम में अलीराजपुर के जिला शिक्षा केंद्र एपीसी अविनाश भागेला, एजुकेट गर्ल्स संस्था
के जिला प्रबंधक अजय लावरे, डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम ऑफिसर आकाश, ट्रेनिंग ऑफिसर लोकेश,
इंपैक्ट ऑफिसर वैशाली गोयल, एडमिन असिस्टेंट सुभाष पाटीदार उपस्थित थे।
धार: जिला कलेक्टर आलोक कुमार सिंह और एडीएम सलोनी सेदना ने हरी झंडी दिखा कर
पहले चरण में 7 गांवों के लिए 456 राशन किट पहुंचने वाली गाड़ी को रवाना किया ।
बड़वानी: बड़वानी जिला कलेक्टर, शिवराज सिंह वर्मा द्वारा 2,874 राशन तथा स्वच्छता किट
वितरण अभियान को हरी झंडी दिखा कर 21 गांवों के लिए रवाना किया। कार्यक्रम में डिप्टी
कलेक्टर अंशु जावला, महिला बाल विकास विभाग के सहायक संचालक अजय गुप्ता, बड़वानी के
SDM घनश्याम धनगर, BRC, शैलेंद्र जाधव, BRC पाटी से प्रफुल पुरोहित, मास्टर ट्रेनर तथा
जिला शिक्षक संघ के अध्यक्ष अनिल जोशी, PRO स्वदेश सिलावट, CMO कुशाल सिंह डोडवे, तथा
अन्य गणमान्य के साथ एजूकेट गर्ल्स से रोहित चतुर्वेदी आदि मौजूद थे।
झाबुआ और मेघनगर: कलेक्टर श्री सोमेश मिश्रा (आईएएस) ने दो ब्लॉक, झाबुआ और मेघनगर
के लिए राहत वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। फ्लैग ऑफ के दौरान झाबुआ और
मेघनगर प्रखंड के एसडीएम और एपीसी (बालिका शिक्षा) श्रीमती इंदिरा गुंडिया भी मौजूद थे।
यहाँ के प्रथम चरण में 18 गांवों में 1,640 जरूरतमंद परिवारों को राशन तथा स्वच्छता किट
पहुँचाया गया है ।
एजुकेट गर्ल्स के संभागीय प्रबंधक मार्कण्डेय दाधीच ने बताया, "अलीराजपुर में लोगों के पास
पहले से ही मूलभूत सुविधाओं की कमी है । बड़वानी जिले में बहुत से लोग ग्रामीण आदिवासी
समुदायों से हैं और गरीबी रेखा से नीचे हैं। वहीं धार और झाबुआ जिले के भी कई निवासी
आर्थिक रूप से कमजोर हैं, जिसके कारण वे गुजरात या महाराष्ट्र में पलायन कर जाते हैं।
कोरोना महामारी की वजह से भोजन, स्वास्थ्य सुविधा, अच्छी शिक्षा की कमी और अन्य
बुनियादी जरूरतों के आभाव ने समुदाय के लोगों के सामने कई चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं।" इस
क्रम में संस्था प्रशासन के सहयोग से राहत कार्य कर रही है |
एजुकेट गर्ल्स ने मध्य प्रदेश के उन गाँवों की पहचान की, जहाँ पर समुदाय के लोगों को दैनिक
आवश्यकताओं जैसे कि किराने का सामान, सैनिटाइज़र, मास्क तथा लड़कियों को सैनिटेरी पैड
प्राप्त करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। संस्था उन गाँवों में सहायता पहुँचा कर
कोविड-19 से पैदा हुई मुश्किलों को कम करने का प्रयास कर रही है।
एजुकेट गर्ल्स द्वारा राशन साथ स्वच्छता किट में गेहूँ का आटा, तेल, नमक, चावल, चना, दाल,
रिफाइंड तेल, तुवर दाल, लाल मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर, कपड़े धोने तथा नहाने का
साबुन, सैनिटेरी पैड, मास्क और सैनिटाइज़र जैसी दैनिक उपयोग की वस्तुएँ शामिल हैं। एजुकेट
गर्ल्स की टीम बालिका(स्वयंसेवक) और फील्ड कॉर्डिनेटर लगातार सभी लोगों को जागरूक कर
रहे हैं की बिना भय के वैक्सीन लगवाएँ, बिना मास्क घर से बाहर ना निकलें और अपने हाथों
को साबुन से लगातार धोते रहें।
इस पहल के साथ ही संस्था ने अनाथ और एकल माता-पिता बच्चों को सहायता प्रदान करने के
तरफ कदम बढ़ाया है। संस्था ने कोरोना वायरस तथा वैक्सीन सम्बन्धी जागरूकता अभियान भी
शुरू किया है। गाँव में अपने फील्ड स्टाफ के माध्यम से कोविड-19 की जानकारी के बारे में
पोस्टर्ज़ और वीडियो सब तक पहुँचाने का काम संस्था कर रही है।
एजुकेट गर्ल्स के बारे में: एजुकेट गर्ल्स एक गैर-लाभकारी संस्था है, जो भारत के ग्रामीण और शैक्षिक रूप से
पिछड़े इलाकों में बालिकाओं की शिक्षा के लिए समुदायों को प्रेरित करता है। सरकार के साथ साझेदारी में काम
करते हुए एजुकेट गर्ल्स वर्तमान में राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के 21,000 से अधिक गाँवों में
सफलतापूर्वक कार्यरत है। सामुदायिक स्वयंसेवकों की बड़ी संख्या को सहभागी बनाते हुए, एजुकेट गर्ल्स स्कूल से
वंचित बालिकाओं की पहचान, नामांकन, और स्कूलों में ठहराव बनाए रखने और सभी बच्चों (दोनों- बालिकाओं और
बालकों) के लिए साक्षरता और अंक गणितीय योग्यता में बुनियादी सुधार के लिए मदद करता है।
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